ISRO और Microsoft ने भारत में स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए साझेदारी की

इन स्टार्टअप्स को स्पेस इंजीनियरिंग से लेकर क्लाउड टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट और डिजाइन, फंड रेजिंग और मार्केटिंग तक माइक्रोसॉफ्ट की ओर से मदद मुहैया कराई जाएगी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने देश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप की वृद्धि को बढ़ाने के लिए गुरुवार को एक समझौता किया है। इसके तहत इन स्टार्टअप्स को टेक्नोलॉजी, मार्केट से जुड़ी मदद और मेंटरिंग के जरिए मजबूत किया जाएगा।

कंपनी के चेयरमैन सत्य नडेला माइक्रोसॉफ्ट फ्यूचर रेडी टेक्नोलॉजी समिट में हिस्सा लेने के लिए पिछले कुछ दिनों से भारत में हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह साझेदारी इसरो को देश में उभरते हुए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तकों और उद्यमियों को विकसित करने की योजना बनाने में मदद करेगी। इससे इन स्टार्टअप्स को अपना कारोबार चलाने के लिए टेक्नोलॉजी से जुड़े टूल्स और संसाधनों तक मुफ्त पहुंच मिलेगी।

ISRO और Microsoft ने भारत में स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए साझेदारी की

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को उपग्रह डेटा के विश्लेषण और प्रसंस्करण में मदद मिलेगी और वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे।

प्रौद्योगिकी तक पहुंच के अलावा, माइक्रोसॉफ्ट इन स्टार्टअप्स को स्पेस इंजीनियरिंग से लेकर क्लाउड टेक्नोलॉजी, उत्पाद और डिजाइन, फंड जुटाने और मार्केटिंग तक सहायता प्रदान करेगा। पिछले साल इसरो की वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 36 वनवेब ब्रॉडबैंड उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। भारती ग्लोबल लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट कम्युनिकेशंस फर्म वनवेब में सबसे बड़ी निवेशक है।

यह ISRO और NSIL के लिए बड़े व्यावसायिक आदेशों में से एक था। यह पहला क्रम था जिसमें LVM3 रॉकेट का प्रयोग किया गया है। वनवेब ने कहा है कि उसकी योजना अगले साल तक पूरे देश में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी मुहैया कराने की है। पूरी तरह से स्वदेश निर्मित LVM3 रॉकेट अब तक चार सफल मिशनों में शामिल हो चुका है। इनमें अहम चंद्रयान-2 मिशन भी शामिल है। ISRO अपना तीसरा मून मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।

चंद्रयान-3 इसी साल जून में लॉन्च किया जाएगा। चंद्रमा की सतह पर अन्वेषण के लिए यह एक महत्वपूर्ण अभियान है। चंद्रयान-3 के लिए तैयार किया गया रोवर यात्रा की ऊंचाई की बेहतर गणना कर सकता है और ऐसी जगहों से बच सकता है जहां खतरा हो सकता है।

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