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SATTA NEWS

Saturday, October 21, 2023



यदि देश के 60 करोड़ नागरिक अभी किसी गंभीर समस्या का समाधान नहीं करते हैं, तो वर्ष 2100 तक आफ़त हो जाएगी।

60 करोड़ नागरिक तो वर्ष 2100 तक आफ़त हो जाएगी

ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप हमारा ग्लोब गर्म हो रहा है। शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनिया की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वर्ष 2100 तक घातक गर्मी का अनुभव करेगा, अगर इस "समस्या" को अब और नजरअंदाज कर दिया जाए। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र एशिया और अफ्रीका होंगे। अकेले भारत में 60 करोड़ लोग खतरनाक गर्मी के संपर्क में आएंगे। एक विनाशकारी गर्मी की लहर नाइजीरिया में लगभग 300 मिलियन लोगों, इंडोनेशिया में 100 मिलियन और फिलीपींस और पाकिस्तान में प्रत्येक में 8-8 मिलियन लोगों को प्रभावित करेगी।

शोधकर्ताओं के अनुसार, यदि ग्लोबल वार्मिंग को धीमा करने की मौजूदा रणनीतियों को बनाए रखा जाए, तो वर्ष 2100 तक, मानव आबादी का पांचवां हिस्सा अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आ जाएगा। नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल ने इस अध्ययन को प्रकाशित किया। इस अध्ययन के अनुसार, भारत उन देशों में से एक है जहां नागरिकों के लिए गर्मी से संबंधित जोखिम सबसे अधिक हैं।

अध्ययन में तापमान में वृद्धि को अधिकतम 1.5 डिग्री तक रखने के लिए ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। यदि इस लक्ष्य को पूरा किया जाता है तो अत्यधिक गर्मी से खतरे में रहने वाली आबादी 50 करोड़ कम हो जाएगी।

यदि देश के 60 करोड़ नागरिक अभी किसी गंभीर समस्या का समाधान नहीं करते हैं, तो वर्ष 2100 तक आफ़त हो जाएगी।

एक्सेटर विश्वविद्यालय के शोध के मुख्य लेखक टिम लेंटन के अनुसार, हाल ही में 1.2 डिग्री तापमान में वृद्धि का प्रभाव स्पष्ट है। गर्मी की लहरें, सूखा और जंगल की आग अधिक बार हो रही है। उन्होंने दावा किया कि ग्लोबल वार्मिंग के आर्थिक लाभों और नुकसानों की तुलना अक्सर की जाती है। हमारा अध्ययन मानव लागत पर चर्चा करता है।

उन्होंने दावा किया कि वार्मिंग की वर्तमान दर में प्रत्येक 0.1 डिग्री की वृद्धि के लिए 14 करोड़ लोग घातक गर्मी के संपर्क में आएंगे। नवीनतम शोध के अनुसार, 29 डिग्री सेल्सियस के तापमान को गर्मी का हानिकारक स्तर माना जाता है। अधिकांश लोग वहाँ रहते हैं जहाँ यह 13 और 27 डिग्री फ़ारेनहाइट के बीच होता है। इसका अनूठा पहलू यह है कि 40 साल पहले केवल 1.2 करोड़ लोग ही अत्यधिक गर्मी का अनुभव कर रहे थे। यह संख्या अब पाँच गुना हो गई है।

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